नितिन कुमार रुडकी हब
बैठक के मुख्य अतिथि मंच के संस्थापक संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने बैठक में उपस्थित वर्तमान व पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में पंचायत राज व्यवस्था को कमजोर करने के लिए पंचायत राज अधिनियम में जो अव्यावहारिक संशोधन किए हैं हम उसके खिलाफ न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन इसके साथ साथ राज्य के अंदर दो से अधिक बच्चे वाले लोगों कक्षा 10 और कक्षा 8 शैक्षिक योग्यता न रखने वाले लोगों को चुनाव लड़ने से वंचित करने के बाद अब राज्य सरकार विगत 10 दिन से पंचायतों के आरक्षण में गड़बड़ी करके उन बहुत सारे योग्य अनुभवी लोगों को पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित करने जा रही है जो उनकी पार्टी के सदस्य नहीं है। यह पंचायतों को कमजोर करने के साथ-साथ लोकशाही पर करारा तमाचा है। राज्य की वर्तमान सरकार ने पंचायतों के बजट में कटौती करने के साथ-साथ अपने विगत 3 साल के कार्यकाल में पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय एवं अन्य सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं की जबकि इसी सरकार ने विधायकों की अनेक सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ सरकार में दायित्व धारियों के वेतन भत्तों एवं सुविधाओं में दो से 3 गुना बढ़ोतरी की है। इससे साफ होता है कि राज्य की सरकार पंचायतों को कमजोर करने और पंचायतों में चोर दरवाजे से अपने कार्यकर्ताओं को काबिज करना चाहती है। राज्य की सरकार 73वें संविधान के माध्यम से जिन 29 विषयों को पंचायतों के अधीन किया जाना चाहिए था उस पर बात नहीं करती है, लेकिन पंचायत चुनाव समय पर न कराकर के प्रशासकों को पंचायतों में बिठाकर विकास कार्यों में लगने वाले पैसे की बंदरबांट भी करना चाहती हैं। इसलिए जरूरी है कि पंचायत के प्रतिनिधियों को लामबंद होकर सरकार की इस गलत मंशा के खिलाफ लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
बैठक में श्री रोशन लाल जिला संयोजक पंचायत जन अधिकार मंच हरिद्वार ने इस लड़ाई में हरिद्वार जिले का भरपूर समर्थन देने का आश्वासन दिया।
प्रमुख वक्ताओं में अमरजीत सिंह, सुशील चौधरी, कांग्रेस नेता आशीष सैनी, संजय सैनी आदि अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पंचायत जनाधिकार मंच के बैनर में शामिल होने की घोषणा की। बैठक में ही श्री जोत सिंह बिष्ट द्वारा चौधरी कीरत सिंह को पंचायत जनाधिकार मंच के गढ़वाल मंडल का सहसंयोजक नामित किया गया। जिस पर उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा हर्ष जाहिर किया गया।