बृहस्पतिवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडपुर के स्कूल बैंक को शैफील्ड स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती रूचि रावत व कोर्डीनेटर डी0के0शर्मा ने चित्रकला, हिंदी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण से संबंधित करीब 500पुस्तके भेंट की।
इस मौके पर आयोजित पुस्तक सहयोग अभियान के अंतर्गत संबोधन करते हुए शैफील्ड स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती रूचि रावत ने कहा की
हमें अगर नई पीढ़ी में रचनात्मक अभिव्यक्तियों का उन्नयन करना है तो शिक्षा की प्रक्रियाओं के नवीकरण के साधनों के रूप में सभी नवाचारी शोध कार्यो में पूरी तत्परता से जुटना होगा।उन्होने कहा कि चहुंमुखी विकास के लिए शोध कार्य, मौजूदा प्रौद्योगिकी में सुधार, नई देशज प्रौद्योगिकी की खोज तथा उत्पादन की जरूरतों को पूरा करने से संबंधित होना चाहिए । प्रौद्योगिकी में होने वाले परिवर्तनों पर नजर रखने और नए आविष्कारों का अनुमान लगाने के लिए भी उपयुक्त व्यवस्था करनी होगी।
कोर्डीनेटर डी0के0शर्मा ने कहा की अध्यापन कोई स्थिर व्यवसाय नहीं है बल्कि प्रौद्योगिकी, सदैव बदलते ज्ञान, वैश्विक अर्थशास्त्र के दबावों और सामाजिक दबावों से प्रभावित होकर बदलता रहता है।उन्होने कहा कि इसका मतलब है कि इन परिवर्तनों को संबोधित करने के लिए अध्यापन के तरीकों और कौशलों का लगातार अद्यतन और विकास आवश्यक है।उन्होने कहा की
हम बिना सोचे-समझे भिन्न-भिन्न रुचियों वाले बालकों को एक ही प्रकार के कार्यों में जुटा देते हैं। प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री रूसो ने कृत्रिम समाज का खंडन करते हुए इस बात पर बल दिया कि बालक की संपूर्ण शिक्षा का प्रबंध प्रकृति के अनुसार होना चाहिए।
राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडपुर की प्रधानाध्यापिका श्रीमती हिना कौसर ने विद्यालय प्रबंधन तंत्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा की नये सत्र मे बच्चो को शैक्षिक क्रियाकलापो मे व्यस्त रखने मे ये अभ्यास पुस्तिका मील का पत्थर साबित होंगी।स्कूल बैंक परियोजना के इंचार्ज व शिक्षक संजय शर्मा वत्स ने भी पुस्तक सहयोग अभियान में सहयोगी बने शैफील्ड स्कूल का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर उन्होने अभियान व स्कूल बैंक की जानकारी भी प्रदान की।
इस अवसर पर हिना कौसर, संजय शर्मा वत्स, नितिन कुमार,श्रीमती सुमन, श्रीमती अनीता आदि शिक्षक,मौजूद रहे।