दलित-आदिवासी संगठनों का भारत बंद; SC-ST और OBC के लिए आरक्षण पर नए कानून की मांग

रिपोर्ट रुड़की हब

दलित-आदिवासी संगठनों का भारत बंद; SC-ST और OBC के लिए आरक्षण पर नए कानून की मांग दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। यह बंद हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुलाया गया है। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची भी जारी की है। इसमें सबसे अहम अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग हैं।[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”college-add” count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरोध में आज राजस्थान में बंद का आह्वान किया गया है। बंद के चलते जयपुर, सीकर, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, डीग, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, टोंक, भीलवाड़ा, नीम का थाना, कोटा, श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़ और भरतपुर में स्कूल-कॉलेजों के साथ समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में आज छुट्टी की घोषणा की गई है और इन्हीं जिलों में बंद का सबसे ज्यादा असर दिखाई देने की संभावना है। जयपुर में रामनिवास बाग से बंद समर्थन रैली शुरू की जा रही है, जिसमें बाजारों को बंद रखने के लिए कहा जा रहा हैदलित और आदिवासी संगठन हाल में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले से सहमत नहीं है। संगठन ने मामले में विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है। उनकी मानें तो यह ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ केफैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी।[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a1″ count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को किए गए ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, ” “बसपा भारत बंद के आह्वान का समर्थन करती है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के आरक्षण विरोधी षड्यंत्र तथा इसे निष्प्रभावी बनाकर अंततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण एक अगस्त 2024 को एससी-एसटी के उपवर्गीकरण में क्रीमी लेयर से संबंधित उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दोनों समुदायों में भारी रोष व आक्रोश है।”
दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। यह बंद हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुलाया गया है। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची भी जारी की है। इसमें सबसे अहम अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग हैं।

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