Dak Kanwar 2024 धर्मनगरी पूरी तरह केसरिया रंग में रंग गयी है। तमाम घाटों पर हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए कांवड़ तीर्थ यात्री ही नजर आ रहे हैं। पंचक की समाप्ति के बाद इनके आगमन और वापसी के क्रम में और तेजी आएगी जो महाशिवरात्रि को जलाभिषेक तक बढ़ती ही जाएगी। वहीं शनिवार को पंचक का अंतिम दिन था इसलिए डाक कांवड़ का आना आरंभ हो गया।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Dak Kanwar 2024: कांवड़ मेले में प्रतिदिन लाखों कांवड़ तीर्थ यात्री महादेव के अभिषेक को गंगाजल लेकर वापसी कर रहे हैं, जितनी संख्या में वह वापसी कर रहे हैं, उससे अधिक संख्या में नए कांवड़ तीर्थ यात्री गंगाजल लेने को हरिद्वार पहुंच रहे हैं।[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”college-add” count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]
इसके चलते धर्मनगरी पूरी तरह केसरिया रंग में रंग गयी है। हरकी पैड़ी, भीमगौड़ा, खड़खड़ी और तमाम घाटों पर हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए कांवड़ तीर्थ यात्री ही नजर आ रहे हैं।
पंचक की समाप्ति के बाद इनके आगमन और वापसी के क्रम में और तेजी आएगी, जो महाशिवरात्रि को जलाभिषेक तक बढ़ती ही जाएगी। दो अगस्त दोपहर में जलाभिषेक का मुर्हत होने के चलते अधिकांश पैदल कांवड़ यात्री इससे एक दिन पूर्व ही अपने गंतव्यों की और रवाना हो जाएंगे, जबकि डाक कांवड़ का सिलसिला अंतिम दिन तक चलता रहेगा।