रुड़की(संदीप तोमर)। रामनगर अंतर्गत यादवपुरी में लूट की घटना को अंजाम देने वाला पुलिस की पकड़ में आया गिरोह कितना शातिर है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शोले फ़िल्म के जय(अमिताभ बच्चन) की तरह इस गिरोह के पास दोनों तरफ हैड वाला सिक्का है। इस सिक्के में टेल है ही नही। यानि लूट या किसी भी अपराध के लिए गिरोह के मन में न होती ही नही। जब मन आया,तब कोई भी सुनसान सी जगह में मकान देखा और लूट कर डाली, या फिर अन्य तरह की वारदात को अंजाम दे डाला।
रुड़की की गंगनहर पुलिस ने सीआईयू टीम के साथ मिलकर इस गिरोह के चार सदस्यों को पकड़ा है। टॉस के लिए सच का कोई सिक्का तो गिरोह के पास नही मिला,लेकिन जिस हिसाब से यह गिरोह वारदातों को अंजाम देता आया है उससे कहा जा सकता है कि क्राइम को लेकर इस गिरोह के किसी भी सदस्य के मन में कभी “ना” आया ही नही। इसे इस रूप में भी देखा जा सकता है कि गिरोह का एक सदस्य हाल ही में हत्या के एक मामले में तीन वर्ष जेल में रहने के बाद जमानत पर छुटा है। उसी का शुक्र जताने को यह चारों रईश,अय्यूब,अजरुद्दीन व अनीश 31 दिसम्बर को कलियर आये थे। यहां इन्होंने साबिर साहब की “जियारत” की और वापसी में शाम के समय रुड़की से गुजरते समय इनके मन में लूट की “तिजारत”(व्यापार) करने की बात आ गयी। इन्होंने कुछ ही समय में यादवपुरी में रेकी कर श्रीमती वंदना मोहन के मकान की लोकेशन को अपने लिए मुफीद पाया और झटके से वारदात को अंजाम दे डाला। ये लोग यहीं नही रुके और कुछ ही घण्टों बाद रुड़की से चलकर खतौली पहुंचे तथा यहां भी ठीक ऐसी ही एक घटना को अंजाम दिया। इस सबसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस अंतर्राज्यीय गिरोह का पकड़ा जाना स्थानीय पुलिस के लिए कितनी बड़ी सफलता की बात है।