रुड़की(संदीप तोमर)। दोपहर में अपनी ही पार्टी के झबरेड़ा से दलित विधायक देशराज कर्णवाल को काला चूहा व डरपोक जैसी उपमाये देकर दोपहर बाद अपने विकास कार्यो को लेकर मीड़िया के सामने आये खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने खानपुर क्षेत्र में तटबंध निर्माण व किसानों को उबारने के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत कराने का दावा किया।
अपने कैम्प कार्यालय पर दोपहर बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में चैम्पियन ने कहा कि उनके प्रयास से यह पहली बार हुआ कि बर्बाद हुई भूमि और नष्ट हुई कृषि फसलों का अलग अलग मुआवजा दिया गया। जिसमें एक लाख से उपर के चैक बटवाये गये। इस कड़ी में क्षेत्र के सैनी एवं चौहान अति निर्धन पृष्ठभूमि के किसानों को उबारने व तटबंध निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये है। यह सब उनके द्वारा मामले को नियम 51 के तहत उठाये जाने पर सम्भव हुआ। उन्होंने कहा कि मैदान के मामले में सरकार को जगाना पड़ता है और अनेक बार उनके गम्भीर प्रयासों से क्षेत्र की जनता को विकास कार्यो के मामले में राहत मिली है। ढंडेरा क्षेत्र में लगातार होने वाले जल भराव के मसले को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सांसद का काम है लेकिन जब उन्हें बताया गया कि सांसद ने इसे विधायक व प्रधान का काम बताया है तो उन्होंने कहा कि इसे भी करवा देंगे। विधायक देशराज कर्णवाल द्वारा उनके चार वर्ष के कार्यकाल से अपने दो वर्ष के कार्यकाल की तुलना सम्बन्धी दावे को सुनकर वह जोर से हंसे और पत्रकारों से ही सवाल किया कि क्या ऐसा सम्भव है कि सूरज और दीये की तुलना की जाये। देशराज कर्णवाल द्वारा उनके खिलाफ की जा रही बयानबाजी प्रकरण को उन्होंने अपनी बिरादरी के कुछ नेताओं की साजिश बताया और इन नेताओं को छुटे हुए कारतूसों की संज्ञा देते हुए कहा कि इससे होने वाला कुछ नही है। उन्होंने विधायक देशराज कर्णवाल द्वारा कल उन्हें विकास कार्यो की चुनौती देने के लिए अम्बेड़कर मूर्ति स्थल पर बुलाये जाने की जानकारी पत्रकारों से मिलने पर कहा कि एक ब्राहमण यदि भजन करे तो उसका इतना लाभ ब्रहामण को नही मिलता, जितना किसी गैर ब्राहमण को मिलता है। इसी तरह डा. अम्बेडकर को एक दलित से ज्यादा एक क्षत्रिय द्वारा सम्मान दिया जाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने देशराज कर्णवाल को कल शाम चार बजे लंढौरा रंगमहल में अम्बेडकर जयन्ती के कार्यक्रम में सपरिवार आमंत्रित किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने अनेक विकास कार्य गिनवाते हुए स्वयं को पिछड़ा वर्ग का नेता बताया।