नितिन कुमार
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) काउंसिल की 32 वीं बैठक की समाप्ति से पहले एक बड़ा फ़ैसला लिया गया है| इसमें 40 लाख़ से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को GST से मुक्त कर दिया गया है, अब सिर्फ 40 लाख़ या इससे ऊपर के टर्नओवर वाले व्यापारी ही जीएसटी के दायरे में आएंगे| वहीँ पहाड़ी एवं छोटे राज्यों के लिए जीएसटी छूट की सीमा को भी 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये तथा अन्य राज्यों में 20 लाख रुपये से 40 लाख रुपये कर दिया गया है। जीएसटी के इस फ़ैसले के बाद छोटे कारोबारी रजिस्ट्रेशन के झंझट से मुक्त हो जाएंगे| हालाँकि पहाड़ी एवं छोटे राज्यों को इस सीमा को घटाने या बढ़ाने का अधिकार भी दिया गया है।
कंपोजिशन स्कीम की सीमा अब 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ हुई- इस स्कीम में एक प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो करदाताओं को तिमाही चुकाना होगा जबकि रिटर्न वार्षिक भरना होगा….
जीएसटी काउंसिल द्वारा एक और महत्वपूर्ण फ़ैसला भी लिया गया| व्यापारियों के लिए निर्धारित कंपोजिशन स्कीम की सीमा अब 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है| यानी कि अब डेढ़ करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनियों को सिर्फ एक वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा, जबकि हर तिमाही में एक बार टैक्स भुगतान कर सकेंगे|1 अप्रैल से यह नया नियम प्रभावी होगा| जेटली ने कहा कि छोटे सेवा प्रदाताओं को ध्यान में रखते हुये उनके लिए भी कंपोजिशन स्कीम लायी गयी है। अब वस्तु एवं सेवायें प्रदान करने वाले 50 लाख रुपये तक के कारोबारी इस स्कीम को अपना सकते हैं। इस पर छह प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा तथा उन्हें भी रिटर्न वार्षिक भरना होगा। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने SME को वार्षिक रिटर्न फाइल करने की छूट दे दी है| हालांकि इन छोटे कारोबारियों को हर तिमाही टैक्स भरना होगा|पहले इनको हर तिमाही में रिटर्न भी भरना होता था|