संदीप तोमर
रुड़की। दो लोग और दोनों का नाम ईश्वर,लेकिन काम पूरी तरह फ्रॉड। किन्तु कहते हैं न कि झूठ बहुत लंबा नही चलता,एक दिन पोल खुल ही जाती है। इन दोनों की भी आज न सिर्फ पोल खुली,बल्कि दोनों को अब जेल भी जाना पड़ गया है।
दरअसल ईश्वर दयाल निवासी मकतूलपुरी रुड़की एवं ईश्वरचंद शर्मा मूल निवासी इंदिरा कालोनी मुज्जफरनगर,हाल निवासी कृष्णानगर रुड़की आज कुछ इस तरह पुलिस की गिरफ्त में आए कि कोतवाली गंगनहर क्षेत्र में चल रहे एक सम्पत्ति विवाद के मामले को लेकर आज ईश्वरचंद शर्मा ने गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश शाह को फोन कर कहा कि वह इस विवाद के मामले में तत्काल मौके पर पुलिस फोर्स भेजे। ईश्वरचंद ने खुद को एंटी करप्शन विभाग का व्यक्ति और इस विभाग के गृह मंत्रालय से सम्बंधित होने की जानकारी देते हुए आदेशात्मक रूप में कुछ ऐसे अंदाज में बात की कि कोतवाल राजेश शाह को उस पर शक हो गया। इस पर उन्होंने ईश्वरचंद को कोतवाली आने को कहा। यहां वह अपने दूसरे साथी ईश्वरदयाल को लेकर पहुंचा और उसका परिचय अपने सहयोगी के रूप में कराया। यही नही पुलिस पर रौब गालिब भी करने लगे। इस पर कोतवाल ने दोनों की जांच शुरू की तो उनके पास से फर्जी आईकार्ड बरामद हुआ। जिस पर गृह विभाग भी फर्जी तरीके से लिखा हुआ था। यही नही दोनों के पास से एक फर्जी वीआईपी पास भी मिला,जिस पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक की लाट का भी दुरुपयोग किया गया था। पोल खुलने पर दोनों पुलिस के सामने गिड़गिड़ाने लगे। पुलिस ने दोनों को हवालात का रास्ता दिखाते हुए विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। इन दोनों लोगों के सम्बंध में जानकारी मिली है कि वह पिछले कई दिन से क्षेत्र में पुलिस के साथ ही विभिन्न संस्थाओं पर ऐसे ही रौब ग़ालिब कर रहे थे और कई स्कूलों तक में जाकर जांच का डर दिखाकर डरा रहे थे।