नितिन कुमार
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रुड़की।राज्य मंत्री विनोद आर्य ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देना जहां अध्यापकों का काम है, वहीं उनको अच्छे संस्कार के साथ उनका पालन-पोषण करना तथा उनको पौष्टिक आहार देने का कार्य उनके माता-पिता का भी है। उक्त् विचार राज्य मंत्री विनोद आर्य ने ग्राम पाडली स्थित लायंस जूनियर हाई स्कूल के सभी छात्र-छात्राओं को पाठन सामग्री एवं स्वास्थ्य वर्धक औषधि वितरित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़ाना चाहिए।जहां शिक्षकों की जिम्मेदारी बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देना है,वहीं उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी उनके अभिभावकों के जिम्मे है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संचालक रामेश्वर कुलश्रेष्ठ ने कहा कि बच्चों का मन-मस्तिष्क कोरे कागज की तरह से होता है।उसमें यदि अच्छे संस्कार व अच्छी शिक्षा डाली जाए तो बच्चों में बचपन से ही शिक्षा के साथ-साथ अपनी संस्कृति,भारतीयता एवं देशभक्ति की भावना की उत्पत्ति होती है।
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री एवं समाजसेवी गौरव गोयल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को शिक्षा में मदद करना वह ईश्वरीय कार्य मानते हैं।उन्होंने कहा कि ऐसे निर्धन परिवारों के बच्चों की पढ़ाई में सहायता प्रदान करने से उनमें शिक्षा के प्रति जागरूकता तो बढ़ती है,साथ ही उन्हें पढ़ लिख कर आगे बढ़ने का अवसर भी प्राप्त होता है।
स्कूल की प्रधानाचार्य किरण वर्मा एवं संचालन कर्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि लायंस जूनियर हाई स्कूल में अधिकतर निर्धन परिवारों के बच्चे हैं,जो स्कूल की सहायता पर ही निर्भर रहते हैं।ऐसे में गौरव गोयल द्वारा उनको पढ़ाई के क्षेत्र में मदद करना सराहनीय कदम है।इस अवसर पर लायन पीके गुप्ता,यश नारंग, ललित सरीन,अभिषेक सरीन, श्रीमती निशा शर्मा,श्रीमती मीना राणा,पुष्पा क्षेत्री,श्रीमती संगीता, पूजा पांडे,ज्योति वर्मा,लक्ष्मी श्रीवास्तव,प्रीति पाल,आरती पाल,राखी गोस्वामी,अनुराग एवं इमरान देशभक्त आदि प्रमुख लोग मौजूद रहे।
बच्चों की शिक्षा में शिक्षक और माता पिता दोनों का अहम योगदान :: विनोद आर्य
