संदीप तोमर
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रुड़की। सैकड़ों लोगों को काल के गाल में समा देने वाले जहरीली शराब कांड में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के पुलिस विभागों एवं उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग के बयानों में बड़ा विरोधाभाष उभर आया है। इधर जहां रविवार शाम तक मामले के खुलासे को लेकर सहारनपुर व हरिद्वार के पुलिस मुखियाओं से पीठ थपथपवा रहे देवबंद के सीओ सिद्धार्थ को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निलिम्बित कर दिए जाने को लेकर पुलिस की काफी किरकिरी हुई है,वहीं अब इन विरोधाभाषी बयानों से भी तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
यह सही है कि सहारनपुर और हरिद्वार पुलिस ने बड़ी तत्तपरता के साथ रात दिन भागदौड़ कर दो दिन के भीतर ही इस मामले का खुलासा किया है। किंतु कल शराब सप्लायर के रूप में बाल्लूपुर गांव निवासी फकीरा और उसके पुत्र सोनू की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने स्पष्ट किया था कि ये दोनों शराब को सहारनपुर जनपद अंतर्गत गागलहेड़ी थाना क्षेत्र के पुंडेन गांव निवासी सरदार हरदेव सिंह व उसके पिता सुखविंदर सिंह के यहां से लाये थे तो सवाल उठा था कि क्या जहरीली शराब को हरदेव बना रहा था?इसके जवाब को सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी व हरिद्वार के एसएसपी जनमेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने आगामी जांच और हरदेव की गिरफ्तारी पर छोड़ दिया था। उनका कहना था कि यह अभी हरदेव की गिरफ्तारी होने पर पूर्ण जांच के बाद ही साफ तौर पर कहा जा सकेगा। लेकिन एक बात दोनों जनपद के पुलिस कप्तानों ने साफ तौर पर कही थी कि जहरीली शराब को उत्तर प्रदेश के पुंडेन गांव से ही सोनू द्वारा लाया गया। यहां ध्यान रहे कि इससे पूर्व शराब कहां से आयी के मसले को लेकर दोनों जनपदों का पुलिस प्रशासन गेंद एक दूसरे के पाले में सरका रहे थे। किंतु कल शाम दोनों कप्तानों की संयुक्त प्रेस वार्ता से इस मसले पर उपरोक्त बयानों से लगा था कि स्थिति साफ हो गयी है। पर ऐसा शायद नही हुआ है। क्योंकि दोनों पुलिस कप्तानों के इतर उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग द्वारा की गई जांच में शराब रुड़की क्षेत्र से सहारनपुर आने की बात कही गयी है। दरअसल इस बाबत आज प्रतिष्ठित समाचार पत्र दैनिक जागरण के सहारनपुर संस्करण में मेरठ से प्रकाशित एक अहम खबर के मुताबिक इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए यूपी आबकारी विभाग ने दो सदस्यीय जांच समिति बनाई थी। इस समिति में शामिल संयुक्त आबकारी आयुक्त ए के शुक्ल व
उप आबकारी आयुक्त आर सी मिश्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपते हुए शराब रुड़की क्षेत्र से सहारनपुर आने की बात कही है। जाहिर है कि दोनों जिलों के पुलिस कप्तानों के कल के बयान और इस जांच रिपोर्ट में विरोधाभाष से अन्य तमाम सवालों के साथ ही, यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि आखिर सच कौन बोल रहा है?
जहरीली शराब कांड:आखिर कौन सच बोल रहा है?हरिद्वार-सहारनपुर पुलिस या यूपी आबकारी विभाग!
