रुड़की(संदीप तोमर)।कांग्रेस से पूर्व मेयर यशपाल राणा की धर्मपत्नी श्रेष्ठा राणा एवं भाजपा से प्रदेश उपाध्यक्ष मयंक गुप्ता को मेयर पद पर प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने के बाद अब दोनों दलों के उन नेताओं के अगले कदमों पर राजनीतिक क्षेत्र के लोगों के साथ ही आम जन की निगाह लग गयी है,जो दोनों दलों से टिकट के प्रबल दावेदार थे। इनमें जहां कांग्रेस व भाजपा के कई नेताओं की बाबत अलग-अलग तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं,वहीं भाजपा में तीसरी बार टिकट की लड़ाई हारे गौरव गोयल के अनेक समर्थक उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग उठा रहे हैं।
खबर को आगे बढाने से पहले स्पष्ट कर देना जरूरी है कि अधिकांश नेताओं के अगले कदमों की बाबत जो भी बातें सामने आई है वह चर्चाओं पर आधारित है। अधिकृत रूप से कौन नेता क्या कदम उठाएगा?यह उनके द्वारा ही साफ हो सकेगा। अलबत्ता जहां तक गौरव गोयल के समर्थकों की उनके द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग की बात है तो यह भाजपा से मयंक गुप्ता का टिकट घोषित होने के बाद से शोसल मीडिया पर नजर आयी पोस्ट व कमेंट्स पर आधारित है। खैर कांग्रेस की बात करें तो यहां पूर्व मेयर यशपाल राणा से अंतिम समय तक टिकट की कड़ी जंग लड़ने वाले पूर्व मंत्री एड.मनोहर लाल शर्मा व उनके परिवार के राजनीतिक कदम पर नेताओं व आम जन की भी निगाह लग गयी है। 2012 के विधानसभा चुनाव में मौजूदा विधायक प्रदीप बत्रा से कांग्रेस टिकट की जंग हारकर निर्दलीय लड़ने वाले मनोहर लाल शर्मा इस चुनाव में अपने पुत्र रजनीश शर्मा के लिए कांग्रेस टिकट की मांग कर रहे थे। क्या अब रजनीश शर्मा निर्दलीय मेयर चुनाव लड़ेंगे?यह सवाल उनका टिकट न होने के बाद से राजनीतिक आसमान में तैरने लगा है। राजनीति के दिग्गजों में गिना जाने वाला शर्मा परिवार श्रेष्ठा राणा का बतौर कांग्रेसी समर्थन करेगा?या अन्य कोई राजनीतिक कदम उठाएगा?यह आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन चर्चा है कि शर्मा परिवार अब कांग्रेस को अलविदा कर भाजपा का दामन भी थाम सकता है? हालांकि रुड़की हब इस चर्चा की पुष्टि नही करता। कांग्रेस से ही टिकट मांग रहे हंसराज सचदेवा व सचिन गुप्ता के निर्दलीय चुनाव लड़ने की अपुष्ट चर्चाएं हैं। अन्य टिकटार्थियों का कहीं कोई जिक्र नही है।
भाजपा की बात करें तो टिकट के अहम दावेदारों में से एक संजय अरोड़ा के अगले कदम पर भी अब निगाह लग गयी है। हालांकि उनके द्वारा कोई बयान या किसी प्रकार की कोई राजनीतिक गतिविधि नजर नही आई है,किंतु अपुष्ट चर्चा है कि वह बसपा से मेयर प्रत्याशी हो सकते हैं?कई जगह उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने का शोर भी चर्चाओं में सुनाई दिया है। ऐसे ही दूसरे अहम दावेदार गौरव गोयल के भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चाएं चल रही हैं। लेकिन खुद गौरव गोयल ने अभी तक ऐसा कोई इशारा नही दिया है और न ही उनकी कोई गतिविधि ऐसी नजर आयी है। अलबत्ता मयंक गुप्ता को बीती शाम टिकट घोषित होने के बाद से गौरव गोयल के समर्थकों ने सबसे ज्यादा उनके द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने की मांग शोसल मीडिया पर उठायी है। गोयल का अगला कदम जहां देखना दिलचस्प होगा,वहीं अन्य भाजपा के अन्य टिकटार्थियों के सम्बंध में कोई चर्चा समाचार लिखे जाने तक नही सुनाई दी है।
पार्षद पद के कई टिकटार्थियों में भी हलचल
कांग्रेस से पार्षद पद के लिए टिकट मांगने वाले वार्ड स्तरीय नेताओं की संख्या हालांकि कम ही थी,लेकिन मुस्लिम बाहुल्य कई वार्ड ऐसे थे जहां कांग्रेस टिकट के लिए लड़ाई थी। ऐसे में यहां टिकट मांगने वालों उन नेताओं में हलचल हैं जिन्हें टिकट नही मिल पाया। इनके अगले कदम भी लोगों की निगाह में है। भाजपा से ऐसे नेताओं की संख्या ज्यादा है। 1 व 2 नवम्बर को उक्त सभी नेताओं के अगले कदम नजरों में रहेंगे।