रुड़की(संदीप तोमर)। दिनांक-22 जुलाई 2020,समय-सुबह बारिश के दौरान,स्थान-रुड़की के रेलवे रोड पर गणेश चौक से गणेशपुर ग्रामीण क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़क पर पूर्व सभासद मास्टर कटार सिंह का आवास। मास्टर कटार सिंह घर के बाहर से गुजर रहे नाले में से भूमिगत जल रिसाव की आवाजें महसूस कर रहे थे। उनके घर के बाहर कुछ वर्ष पूर्व सीवरेज लाइन बिछाने के नाम पर एडीबी द्वारा आधी रुड़की में बनाये गए सैकड़ों चैम्बरों में से एक चैम्बर में भी पानी भर जाना महसूस हो रहा था। इस सबको देखते हुए कटार सिंह ने नगर निगम के उस ठेकेदार को फोन किया,जिसने कुछ समय पूर्व यहां नाला चौड़ीकरण का कार्य कराया था।
कटार सिंह की सूचना पर ठेकेदार के कर्मी आज 23 जुलाई दोपहर लगभग 12 बजे उक्त स्थान पर पहुंचकर नाले के किनारे खुदाई कर माजरा समझने का प्रयास करने लगे। इस बीच तक हालत यह हो गयी थी कि जमीन से पानी ऊपर सड़क पर आना शुरू हो गया था और एक गोल घेरे में भरना भी शुरू हो गया था। मजदूर अपने काम में लगे थे कि दोपहर लगभग 1 बजे उक्त गोल घेरे के हिस्से में पूरी सड़क एक दम से धंस गयी और लगभग 5 फिट के घेरे में 4 फिट गहरा गड्ढा बन गया। गनीमत यह रही कि दौरान कोई व्यक्ति पैदल या वाहन से यहां से नही गुजर रहा था,अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। हालांकि दिक्कत अभी भी बड़ी ही हुई है, क्योंकि इस गड्ढे से पानी निकालने का काम चलने के दौरान आज दोपहर फिर से बारिश आ गयी।
खैर,सवाल यह उठता है कि सड़क धंसी किस कारण से?उसके अंदर जल रिसाव का कारण क्या रहा। 1.नाले के चौड़ीकरण के काम के दौरान नीचे मिट्टी और माल सही से न लगाया जाना? 2.जल संस्थान की पेयजल लाइनों में कोई रिसाव होना या फिर नम्बर 3 कि ढाई वर्ष पूर्व एडीबी द्वारा आधी रुड़की में सीवरेज के लिए खुदाई कर डाली गई लाइनें और चैम्बरों का काम सही न होना? इसका जवाब दो बातों के रूप में सामने है कि उक्त स्थान से लगभग दस मीटर दूर गणेश चौक की तरफ रहने वाली श्रीमती वेदवती के घर के बाहर लगे बिजली के खम्बे के नीचे भी जल रिसाव के कारण खम्बा गिरने को है और सड़क पर एक ओर को झुक गया है। यह खम्बा गिरा तो आसपास के सैकड़ों लोगों और गलियों में जा रही बिजली की लाइनों के तार टूट जाएंगे। खैर श्रीमती वेदवती इस जल रिसाव के लिए नाला ठेकेदार को दोष देती हैं,उनका कहना है कि ठेकेदार ने चौड़ीकरण के दौरान नाले के नीचे से निकली मिट्टी बेच डाली,जबकि वहां पॉलीथिन आदि भरकर ऊपर से माल डाल दिया,जिसका पूरा अंदेशा था कि वह एक भी ढंग की बारिश झेल नही पायेगा और ऐसा ही हुआ भी है।
इसके इतर कटार सिंह के घर के बाहर बने गड्ढे को देखकर और कटार सिंह व अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस पूरी स्थिति के लिए एडीबी जिम्मेदार नजर आता है। कटार सिंह ने बताया कि कुछ जल रिसाव नाले की तरफ से भी हुआ,लेकिन मुख्यतः जो एडीबी की लाइन और चैंबर हैं उनमें पानी भर कर रिसाव हो रहा है। यह रिसाव ही यहां सड़क धंसने का कारण बना। कटार सिंह की बात को सही माने तो आधे रुड़की शहर में यह समस्या आने वाले समय में विकराल रूप धारण करेगी। दिलचस्प है कि अभी सीवरेज शुरू नही हुआ और सीवरेज के लिए डाली गई लाइनों व चैंबर में पानी भर रहा है। यह स्थिति आधे रुड़की नगर में यूं ही हुई तो इसी तरह सड़कें धंसने के आसार होंगे। कुल मिलाकर एडीबी के काम को लेकर सवाल उठते रहे हैं और सड़क धंसने की इस घटना व सामने आये तथ्यों से एक बार फिर एडीबी ने जो काम किये उन पर सवालिया निशान लग गया है।
सवाल नेताओं की भूमिका को लेकर भी…
एडीबी की बात चली है और सड़क धंसने का मामला सामने हैं तो नेताओं की भूमिका को लेकर भी सवाल उठेंगे। दरअसल जिस समय एडीबी मनमाने ढंग से आधे रुड़की शहर की खुदाई कर रहा था,तब तत्कालीन मेयर यशपाल राणा लगातार दावे करते थे कि काम लंबा और कष्टदायी है पर परिणाम बड़े अच्छे मिलेंगे,लेकिन अभी तक सीवरेज शुरू न होने और अब सड़क धंसने तक के मामले शुरू हो गए हैं पर यशपाल राणा के अच्छे परिणाम वाली बात बुरे परिणामों के रूप में जरूर नजर आ रही है। जबकि राणा अब मेयर से पूर्व मेयर भी हो चुके हैं। सिर्फ राणा ही क्यों उस समय निगम चुनाव की तैयारी कर रहे गौरव गोयल(अब मेयर),आला भाजपा नेता मयंक गुप्ता,अजय सिंघल,ललित मोहन अग्रवाल,सचिन गुप्ता,संजय अरोड़ा,सुभाष सैनी या फिर विधायक प्रदीप बत्रा ने कभी एडीबी के काम पर कोई टिप्पणी नही की। और यही सब क्यों खुद काबिना मंत्री मदन कौशिक ने यहां कई बार एडीबी अफसरों के साथ बैठक की और इनमें कार्य की गुणवत्ता आदि के निर्देश देने के दावे किए गए,लेकिन कैसे निर्देश दिए गए थे,यह अब सामने आने लगा है।